Noun • suppose | INDC • let us say • say that |
मान: consequence repute conceit reputation neck fame | |
लो: take heigh | |
मान लो in English
[ man lo ] sound:
मान लो sentence in Hindi
Examples
More: Next- let's say you went to Harvard or Oxford or Cambridge -
मान लो, हार्वार्ड या ओक्सफ़ोर्ड या केम्ब्रिज - - So, imagine that all of you are participants in the study.
मान लो कि आप सब अध्यन के सहभागी हो - “ Suppose I do mean to make that damned suit for him - what does it matter ? Taking a sweet from him ?
” मान लो , मैं उस मरदूद सूट को बना भी देता हूँ , तो इससे क्या फ़र्क पड़ जाएगा ? या उसकी मिठाई … ? - I do not want you to take all this for granted ; there may , indeed , be many errors in my accounts .
मैं नहीं चाहता कि तुम इन च्Lट्ठियों को वैसा का वैसा ही मान लो , मेरे लिखे में बेशक बहुत-सी गलतियां हो सकती - Excitement grew when it was observed that if an embryonic cell divided say twenty times and then put into a freezer for months or years , the cells actually remember where they left off !
उत्साह तब बढ़ा जब यह देखा गया कि मान लो एक भ्रूण कोशिका बीस बार विभाजित हुई और फिर उसे कुछ महीनों या वर्षों के लिए फ्रीजर में रख दिया गया , परंतु इन कोशिकाओं को यह याद रहा कि वे कहां तक विभाजित हुईं थीं . - a foolish young man abused him without reason . The Master remained calm and asked him , “ Son , if a man declines to accept a gift made to him , to whom would it- belong ? ”
एक दुषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें गलियां देने लगा , गऋतम बुद्ध शांतभाव से सुनते रहे . जब वह वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति गालियां समापऋ-ऊण्श्छ्ष्-त कर चुका तो गऋतम बुद्ध ने बडऋए पऋ-ऊण्श्छ्ष्-यार से पूछा , ऋऋवतऋ-ऊण्श्छ्ष्-स , मान लो तुम किसी को कोऋ वसऋ-ऊण्श्छ्ष्-तु भेंट करना चाहों पर दूसरा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति उसे सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार न कर तो वह वसऋ-ऊण्श्छ्ष्-तु किसके पास रहेगीऋऋऋ - a foolish young man abused him without reason . The Master remained calm and asked him , “ Son , if a man declines to accept a gift made to him , to whom would it- belong ? ”
एक दुषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें गलियां देने लगा , गऋतम बुद्ध शांतभाव से सुनते रहे . जब वह वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति गालियां समापऋ-ऊण्श्छ्ष्-त कर चुका तो गऋतम बुद्ध ने बडऋए पऋ-ऊण्श्छ्ष्-यार से पूछा , ऋऋवतऋ-ऊण्श्छ्ष्-स , मान लो तुम किसी को कोऋ वसऋ-ऊण्श्छ्ष्-तु भेंट करना चाहों पर दूसरा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यकऋ-ऊण्श्छ्ष्-ति उसे सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार न कर तो वह वसऋ-ऊण्श्छ्ष्-तु किसके पास रहेगीऋऋऋ